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निर्देशन  - पारिभाषिक शब्दावली |Direction - Terminology

डेफिनिपीडिया के दिए गए पोस्ट में आपको निर्देशन से सम्बंधित पारिभाषिक शब्दावली दिया गया है। इन पारिभाषिक शब्दावली में उनके साथ उसके अर्थ भी दिए गए है।

Nirdeshan Paribhashik Shabdavali


Nirdeshan Paribhashik Shabdavali 

1.निर्देशन (Direction)- निर्देशन का अर्थ - यह एक दिशानिर्देश है जिसमें यह बताया जाता है की किसी कार्य को कैसे,कहॉ व कब तथा किसके द्वारा किया जायेगा।

2.निर्देशन (Direction)- डिमोक के अनुसार- निर्देशन वास्तव में प्रशासन का ह्रदय है,जिसके अन्तर्गत कार्य क्षेत्र का निर्धारण, आदेशों व निर्देशों का देना एवं गतिशील नेतृत्त्व प्रदान करना शामिल है।

3.पर्यवेक्षण (Supervision)- वाइटल्स के अनुसार- पर्यवेक्षण का आशय कार्य के निष्पादन में अधीनस्थों का प्रत्यक्ष एवं तुरन्त मार्गदर्शन एवं नियंत्रण करने से है।

4.अभिप्रेरणा (Motivation)- डेल एस. बीच के अनुसार- "अभिप्रेरणा को एक लक्ष्य या परितोषण प्राप्त करने की शक्ति के विस्तार की इच्छा के रूप में परिभाषित किया जा सकता है।"

5.मौद्रिक प्रेरणा (Monetary incentives)- जब किसी व्यक्ति की सन्तुष्टि मुद्रा में की जाती है या मौद्रिक लाभ द्वारा व्यक्ति को जब प्रेरित किया जाता है तब उसे मौद्रिक प्रेरणाएँ कहते है।

6. अमौद्रिक प्रेरणा (Non - Monetary incentives)- जब व्यक्ति को धन के अतिरिक्त अन्य किसी ढंग से संतुष्ट किया जाता है तो इस प्रेरणा को अमौद्रिक प्रेरणा कहा जाता है।

7.बोनस (Bonus)- बोनस का आशय -  उस मौद्रिक लाभ से है जो नियोक्ता द्वारा वर्ष एक बार विशिष्ट पर्व पर या कंपनी को अधिक लाभ होने पर कर्मचारियों को प्रदान किया जाता है।

8.अनुलाभ (Perquisites)- अनुलाभ का आशय - नियोक्ता द्वारा कुछ आवश्यक सुविधायें उपलब्ध कराने से है।

9.अवकाश वेतन (Leave salary)- कर्मचारी को ऐसे अवधि का वेतन पाने की सुविधा प्रदान करना चाहिए जिसका उपयोग उसने नहीं किया है।

10.घनात्मक प्रेरणा (Positive incentives)- एडविन बी. फोलिप्पो के अनुसार- घनात्मक प्रेरणा से आशय उस प्रकिया से है, जिसके द्वारा लाभ या पारिश्रमिक का प्रलोभन देकर कर्मचारियों को कार्य करने के लिये प्रेरित किया जाता है।

11.ऋणात्मक प्रेरणा(Negativeincentives)- ऋणात्मक प्रेरणाओं में कर्मचारी को भय दिखाकर कार्य कराने का प्रयास किया जाता है।

12.नेतृत्व (Leadership)- लिविंगटन के अनुसार- नेतृत्व अन्य लोगों में किसी सामान्य उद्देश्यों की अनुसरण की इच्छा को जाग्रत करने की योग्यता है।

13.चातुर्य (Tact)-चातुर्य एक ऐसी चैतन्यशील मानसिक सतर्कता है जो कि दूसरे से व्यवहार करते समय आक्षेपों से बचने के लिये क्या करना और क्या कहना है, इस विषय में सर्तक करती है।

14.सम्प्रेषण (Communication)- सम्प्रेषण दो या दो से अधिक व्यक्तियों के मध्य तथ्यों, विचारों, सम्मतियों अथवा भावनाओं का विनिमय है।

15.मौखिक सम्प्रेषण (Verbal Communication)- दो या अधिक व्यक्तियों के मध्य मुँँह से सूचना का आदान - प्रदान करना मौखिक सम्प्रेषण कहलाता है।

16.लिखित सम्प्रेषण (Written Communication)- जब संवाद देने वाला व्यक्ति अपना सम्प्रेषण लिखित रूप से प्रस्तुत करता है तब इसे लिखित सम्प्रेषण कहते है।

17.औपचारिक सम्प्रेषण (Formal Communication)- ऐसा सन्देशवाहन जो औपचारिक सम्प्रेषण संगठन ढाँँचे तथा कार्यालय की स्थिति या संदेश प्रेषक व संदेश प्राप्तकर्ता के पदों से सम्बन्धित होता है औपचारिक सम्प्रेषण कहलाता है।

18.अनौपचारिक सम्प्रेषण (Informal Communication)- जब कभी दो समान स्तर के व्यक्तियों, अधिकारियों, कर्मचारियों या पक्षकारों द्वारा आपस में कोई संवाद होता है तब इसे तब इसे अनौपचारिक सम्प्रेषण कहते है।